Tuesday, February 24, 2015

अकादमिक बहरों के लिए

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यदि आप निर्वस्त्र हों, तो पोशाक पहनने के लिए कहना चिल्ल-पों नहीं है!
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हर छात्र-छात्रा के अन्दर योग्यता की चिनगारी है। शिक्षक ही इस चिनगारी पर जमी राख को हटाकर इसे ज्वाला बना सकता है। पर इससे पहले शिक्षक को अनने ज्ञान पर जमीं राख की परत को हटा लेना होगा।
कवयित्री महादेवी वर्मा
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एक दीक्षांत समारोह में

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