आज मैं साइकेटिस्ट के पास
गया। मैंने उनसे कहा कि मुझे बहुत चिंता लगी रहती है कि देश की स्थिति बहुत
ख़राब है। उन्होंने कहा-‘खाना खाना बंद कीजिए।’ मैंने अचरज जताते हुए
कहा-‘अरे! तो मैं जिंदा कैसे रहूंगा?’ उन्होंने कहा-‘आप जब यह सोच सकते
हैं, तो देश की हालत बिल्कुल ठीक है।'
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